हरियाणा माल एवं सेवा कर (संशोधन) अधिनियम 2024 पारित

Adhikari News, Chandigarh: हरियाणा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 को संशोधित करने के लिए हरियाणा माल एवं सेवा कर (संशोधन) अधिनियम, 2024 पारित किया गया।


Haryana Goods and Services Tax Act, 2017 (Act) को राज्य सरकार द्वारा माल या सेवाओं या दोनों की अंत:राज्य प्रदाय पर कर लगाने और संग्रह के प्रावधान के दृष्टिकोण के साथ अधिनियमित किया गया था।

GST परिषद की सिफारिशों के आधार पर और उसके अंतर्गत तथा वित्त अधिनियम, 2024 (2024 का केन्द्रीय अधिनियम 8) और वित्त अधिनियम (सं0 2), 2024 (2024 का केन्द्रीय अधिनियम 15) के द्वारा केन्द्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में किए गए संशोधनों की तर्ज पर हरियाणा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में संशोधन का प्रस्ताव है।

मानव उपभोग के लिए अल्कोहल युक्त शराब के विनिर्माण में प्रयुक्त विकृत अतिरिक्त निष्प्रभावी अल्कोहल या परिशोधित स्पिरिट पर राज्य कर न लगाया जा सके के लिए अधिनियम की धारा 9 की उपधारा (1) में संशोधन किया जाना।

अधिनियम में एक नई धारा 11 क का रखा जाना ताकि सरकार को राज्य कर के गैर-उद्ग्रहण या कम उद्ग्रहण को नियमित करने के लिए सशक्त बनाया जा सके, जहां वह संतुष्ट हो कि ऐसा गैर-उद्ग्रहण या कम उद्ग्रहण सामान्य व्यवहार का परिणाम था।

अधिनियम की धारा 13 की उपधारा (3) में संशोधन करना ताकि उन मामलों में सेवाओं की प्रदाय का समय निर्दिष्ट किया जा सके जहां रिवर्स चार्ज आपूर्ति में सेवाओं के प्राप्तिकर्ता द्वारा बीजक जारी किया जाना अपेक्षित है।

अधिनियम की धारा 16 में एक नई उप-धारा (5) का रखा जाना ताकि विद्यमान उप-धारा (4) के लिए एक अपवाद बनाया जा सके और यह उपबंध किया जा सके कि वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के लिए बीजक या नामे नोट के संबंध में रजिस्ट्रीकृत व्यक्ति धारा 39 के अंतर्गत किसी भी विवरणी में इनपुट कर प्रत्यय लेने का हकदार होगा, जो 30 नवंबर, 2021 तक दाखिल किया जाता है।

इनपुट सेवा वितरक द्वारा प्रत्यय के वितरण के तरीके से संबंधित अधिनियम की धारा 20 को प्रतिस्थापित किया जाना। अधिनियम की धारा 39 की उप-धारा (3) को प्रतिस्थापित किया जाना ताकि स्रोत पर कर कटौती करने के लिए रजिस्ट्रीकृत व्यक्ति द्वारा प्रत्येक माह के लिए विवरणी को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत करना अनिवार्य बनाया जा सके, भले ही उक्त माह में कोई कटौती की गई हो या नहीं।

अधिनियम की धारा 73 में एक नई उप-धारा (12) का रखा जाना ताकि वित्तीय वर्ष 2023-24 तक की अवधि से संबंधित कर के निर्धारण के लिए उक्त धारा के लागू होने को निर्बंधित किया जा सके और तदनुसार उक्त धारा के उपांतिक शीर्षक को संशोधित किया जाना।

अधिनियम की धारा 74 में एक नई उप-धारा (12) का रखा जाना ताकि वित्तीय वर्ष 2023-24 तक की अवधि से संबंधित कर के निर्धारण के लिए उक्त धारा के लागू होने को निर्बंधित किया जा सके और तदनुसार उक्त धारा के उपांतिक शीर्षक को संशोधित किया जाना।

अधिनियम में एक नई धारा 74क का रखा जाना ताकि वित्तीय वर्ष 2024-25 से आगे के लिए भुगतान न किए गए कर या कम भुगतान किए गए कर या गलत तरीके से प्रतिदाय किए गए कर या किसी भी कारण से गलत तरीके से प्राप्त या उपयोग किए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट के निर्धारण का प्रावधान किया जा सके।

अधिनियम की धारा 107 की उपधारा (6) में संशोधन किया जाना ताकि अपील प्राधिकारी के समक्ष अपील दायर करने के लिए पूर्व जमा की अधिकतम राशि को राज्य कर में पच्चीस करोड़ रुपये से घटाकर बीस करोड़ रुपये किया जा सके। अधिनियम की धारा 112 की उप-धारा (1) और (3) को संशोधित करना ताकि सरकार को अपील अधिकरण के समक्ष अपील फाइल करने के लिए तारीख अधिसूचित करने हेतु और अपीलें या आवेदन फाइल करने के लिए पुनरीक्षित समय-सीमा का उपबंध करने के लिए सशक्त किया जा सके। किसी व्यक्ति द्वारा विशेष प्रक्रिया के अनुसार माल के विनिर्माण में प्रयुक्त कुछ मशीनों को पंजीकृत न कराने पर शास्ति का प्रावधान करने के लिए अधिनियम में एक नई धारा 122क का रखा जाना।

अधिनियम में एक नई धारा 128क का रखा जाना ताकि वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए उक्त अधिनियम की धारा 73 के अधीन जारी त्रुटिवश प्रतिदाय के संबंध में मांग सूचनाओं के सिवाय जारी मांग नोटिसों के संबंध में ब्याज और जुर्माने की सशर्त छूट प्रदान की जा सके। अधिनियम की धारा 171 की उपधारा (2) का संशोधन किया जाना, जिससे सरकार को उस तारीख को अधिसूचित करने के लिए सशक्त बनाया जा सके, जिससे उक्त धारा के अधीन प्राधिकारी मुनाफाखोरी निरोधी मामलों के लिए कोई आवेदन स्वीकार नहीं करेगा। अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं को संशोधित किया गया ताकि नई रखी गई धारा 74क का संदर्भ सम्मिलित किया जा सके।

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