स्क्रीनराइटर्स लैब के लिए चुनी गई फीचर फिल्म कोन्याक 

Adhikari News, Delhi: 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) का समापन हाल ही में बहुत ही धूमधाम से हुआ। वहीं, राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) की ओर से आयोजित फिल्म बाज़ार 2024 में फिल्मों के माध्यम से कथाएं कहने वालों की नई पीढ़ी का भी उत्सव देखने को मिला।

इस अवसर पर प्रतिष्ठित स्क्रीनराइटर्स लैब के लिए चुनी गई फीचर फिल्म कोन्याक के बारे में भी घोषणा की गई। राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) के स्क्रीनराइटर्स लैब 2024 में चयन के बाद , कोन्याक ने अभूतपूर्व रूप से सबका ध्यान आकर्षित किया है। फिल्म की पटकथा ने फिल्म निर्माताओं को 100 करोड़ रुपये की बड़ी लागत वाले निर्माण के लिए प्रेरित किया है।

उद्धव घोष द्वारा लिखित, ‘कोन्याक’ पंकज कुमार निर्देशित पहली फीचर फिल्म है। पंकज कुमार सिनेमैटोग्राफर के रूप में फिल्म ‘तुम्बाड़’ में तकनीक के उपयोग से मंत्रमुग्ध करने वाले दृश्यों की रचना के अपने कार्य के लिए चर्चित रहे हैं। उन्होंने इस बार ‘कोन्याक’ में कथा कहने की अपनी विशेषज्ञता प्रस्तुत की है।

फिल्म के बारे में अपने उत्साह को व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “कोन्याक केवल ऐसी कहानी नहीं है जिसमें एक्शन हो; यह नागालैंड की किंवदंतियों, वहां के समुदाय और कठिन परिस्थितियों की एक गहरी खोज है जहां कोई भी गलती भारी पड़ सकती है। इस फिल्म के साथ, हमारा लक्ष्य एक ऐसे माहौल के अनुभव की रचना करना है जो अविश्वसनीय, अकल्पनीय भावना से परिपूर्ण हो।”

अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ क्लेयर डोबिन के निर्देशन में तैयार पटकथा के साथ, ‘कोन्याक’ एक ऐसी फिल्म के रूप में उभरी है, जिसमें अस्तित्व, सम्मान और मुक्ति के शाश्वत विषयों के साथ सांस्कृतिक गंभीरता का अनूठा मेल है।

स्क्रीनराइटर्स लैब के संरक्षक, क्लेयर ने पटकथा की सराहना करते हुए ‘कोन्याक’ को “विश्वासघात, साहस और लचीलेपन की एक ऐसी कहानी बताया, जो दर्शकों को बांध लेने वाली है। यह फिल्म अल्पज्ञात किन्तु अविस्मरणीय लोगों पर प्रकाश डालती है।” 

लैब ने उद्धव घोष को इस क्षेत्र के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ को समाविष्ट करते हुए लोककथा और जादुई यथार्थवाद को जोड़कर अपने आख्यान को और गंभीर बनाने के लिए मंच प्रदान किया। इस तरह यह फिल्म दुनिया भर के दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने में सक्षम हो सकती है।

इसके साथ ही यह फिल्म वैश्विक मानकों तक भारतीय सिनेमा के उत्थान में फिल्म बाज़ार जैसी पहलों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी दर्शाती है।

फिल्म बाजार 2024 में प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माता कई पटकथाओं की ओर आकर्षित हुए। इससे अन्य स्क्रीनराइटर्स लैब परियोजनाओं में भी बढ़ती रुचि का पता चलता है। इसके साथ ही बाजार की मांग और रचनात्मक प्रतिभा को जोड़ने में लैब के निरंतर प्रयास भी स्पष्ट दिख रहे हैं।

एनएफडीसी स्क्रीनराइटर्स लैब के बारे में

राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) को इस वर्ष 21 राज्यों से 150 से अधिक आवेदन मिले, जिनमें से विभिन्न विधाओं की 6 परियोजनाओं को एनएफडीसी स्क्रीनराइटर्स लैब के 18वें संस्करण के लिए चुना गया। यह पूरे भारत से आने वाले मौलिक विचारों को विकसित करने, पोषित करने और बढ़ावा देने की एक पहल है। इसमें चुने गए छह पटकथा लेखक विज्ञापन फ़िल्मों, लघु फ़िल्मों, वृत्तचित्र और फीचर फ़िल्मों के निर्माता और उपन्यासकार भी हैं। उन्होंने हिंदी, उर्दू, पहाड़ी, पंजाबी, असमिया, मलयालम, कोन्याक, अंग्रेज़ी और मैथिली सहित कई भाषाओं में चयनित पटकथाएं लिखी हैं।

एनएफडीसी स्क्रीनराइटर्स लैब 2024 के लिए चयनित छह परियोजनाओं को यहां देखें

2007 से जारी एनएफडीसी स्क्रीनराइटर्स लैब, फिल्म बाज़ार की एक प्रमुख पहल है। इसने प्रसिद्ध पटकथा और उद्योग विशेषज्ञों के मार्गदर्शन से उभरती प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वैश्विक दर्शकों के लिए कहानियों को परिष्कृत करना और उन्हें बाजार के लिए प्रस्तुत करने के कौशल का विकास करना है।

इस विषय पर ध्यान केंद्रित करने से यह पटकथा लेखकों के लिए पहचान हासिल करने और सहायता प्राप्त करने का महत्वपूर्ण मंच बन गया है। पिछले कुछ वर्षों में लैब की कई फिल्मों ने समीक्षकों की शानदार सराहना और व्यावसायिक सफलता हासिल की है, और ‘कोन्याक’ उनके नक्शेकदम पर चलने के लिए तैयार है।

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