Adhikari News, Kurukshetra: वजन में कम, देखने में पतली, लेकिन असर जोरदार है जयपुर रजाई का जो कि सर्दी में भी गर्मी का अहसास करवाती है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर लगे शिल्प मेले में मधु नामक महिला द्वारा निर्मित सामान देश एवं विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
मेले में आने वाला हर पर्यटक गुजरात के अहमदाबाद से आई मधु के स्टॉल नंबर 26 पर एकाएक रुक जाता है ,क्योंकि इस स्टॉल पर हाथ से निर्मित रजाई, बेडसीट, कुशन कवर और अन्य सजावटी समान रखा गया है।
मधु ने बताया कि वह 40 वर्षों से हैंडीक्राफ्ट के कार्य में लगी है। गत 4 वर्षों से वह गीता महोत्सव में आ रही है। इस बार वह विशेष रूप से जयपुरी रजाई के नाम से एक रजाई लेकर आई है, जो कि देखने में बहुत पतली है, लेकिन उसका असर जोरदार है। रजाई को लेकर पर्यटकों में भारी उत्साह है।
खासतौर पर हाथ से निर्मित जो बेडसीट है और कुशन के कवर, उन्हें पर्यटक भारी संख्या में खरीद रहे हैं। उनका कहना है कि लोग अपने घरों को सजावटी सामान से सुंदर बनाने के लिए हैंडीक्राफ्ट की तरफ आकर्षित हुए हैं। हर कोई चाहता है कि वह अपने ड्राइंग रूम की शोभा इस शिल्पकला से बढ़़ाएं।
मधु के स्टॉल पर देखते ही देखते उब्जेकिस्तान के पर्यटक भोतिर और रामजीदीन आए और उन्होंने मधु द्वारा निर्मित हैंडीक्राफ्ट का प्रशांसा की और सारे सामान को बड़ी जिज्ञासा के साथ देखा। यही नहीं उब्जेकिस्तान के भोतिर ने मधु द्वारा निर्मित कुशन कवर को खरीदा और उसके अच्छे दाम भी दिए।
मधु के हाथों से निर्मित कवर मौसम में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। मधु ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के अभियान के तहत उसने अपना काम शुरू किया है और उसने स्वयं की एक कंपनी बनाई है, जो कि महिलाओं को अपने साथ जोडक़र हाथ से निर्मित सामान तैयार करती है।