Inderjeet Adhikari, Sirsa: सिरसा शहर को बरसाती पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए बिछायी गई स्टार्म वॉटर प्रोजेक्ट में करीब 10 करोड़ के घपले को अंजाम दिया गया। घोटाला तत्कालीन नगर परिषद की कमेटी, ईओ, एमई-जेई व ठेकेदारों ने मिलकर अंजाम दिया। जबकि इस प्रोजेक्ट में सत्तापक्ष से जुड़े कई लोगों ने भी अपनी जेब भरीं, बताई जाती है। करोड़ों रुपये के इस घोटाले को लेकर लगातार आवाज उठाए जाने पर भी न तो शासन ने सुनवाई की और न ही प्रशासन ने। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने अवश्य इसकी जांच की मांग की, जिसे अनसुना कर दिया गया।
यहां वर्णनीय है कि नगर परिषद की तत्कालीन चेयरपर्सन रीना सेठी के कार्यकाल में सिरसा शहर को बरसाती पानी की निकासी की समस्या से निजात दिलाने के लिए स्टार्म वॉटर प्रोजेक्ट बनाया गया। बताया जाता है किसका एस्टीमेट करीब 28 करोड़ का बना लेकिन चहेतों को ठेका करीब 37 करोड़ में दिया गया।
प्रोजेक्ट की ड्राइंग के अनुसार ऑटो मार्केट से बरसाती पानी की निकासी के लिए पाईप लाइन बिछायी जानी थी, जोकि अग्रसेन कालोनी होते हुए सुरखाब चौक और यहां से परशुराम चौक, भगत सिंह चौक, जैन चौक, सूरतगढिय़ा चौक, शिव चौक, कबीर चौक होते हुए अरोड़वंश चौक तक पहुंचती। इसी प्रकार जैन पार्क से गोल डिग्गी चौक होते हुए परशुराम चौक तक और जगदेव सिंह चौक से जनता भवन रोड होकर अरोड़वंश चौक तक पाईप बिछायी जानी थी।
अरोड़वंश चौक से बड़ी पाईपों के माध्यम से पानी घग्घर में डाला जाना था। नगर परिषद के अधिकारियों, ठेकेदारों और प्रभावशाली लोगों ने इसमें बड़ा घोटाला अंजाम दिया। ऑटो मार्केट से अग्रसेन कालोनी तक तो पाईप बिछी लेकिन बाजारों में एक इंच पाईप नहीं बिछायी गई। अरोड़वंश चौक से घग्घर तक बिछायी जाने वाली बड़ी पाईप भी एयरफोर्स के निकट माइनर तक ही बिछायी गई। इसमें करीब 10 करोड़ का सीधे-सीधे गबन कर डाला गया।
आज भी सिरसा शहर में बरसात के समय एक बूंद पानी की निकासी नहीं होती। कई माह पूर्व बरसाती पानी की निकासी के लिए अरोड़वंश चौक पर बनाए चैंबर की मोटर चलाए जाने पर डबवाली रोड पर पाईप में विस्फोट हो गया और आजतक डबवाली रोड के एक हिस्से में आवागमन में अड़चन बनी हुई है।
सूत्रों के अनुसार इस प्रोजेक्ट में नगर परिषद के अधिकारियों और ठेकेदारों ने तो तिजोरी भरी ही, साथ ही कुछ स्थानीय नेताओं ने भी अपनी जेबें गर्म की। इसी वजह से स्टार्म वॉटर प्रोजेक्ट की जांच को लेकर उठने वाली आवाज को दबा दिया जाता है।
जांच कमेटी बनी भी-मिटी भी
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और आरएसएस के स्वयंसेवकों की ओर से स्टार्म वॉटर प्रोजेक्ट में बरती गई धांधली को लेकर तत्कालीन स्थानीय निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता से शिकायत की थी। जिस पर डा. गुप्ता ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी के गठन के आदेश भी दिए। लेकिन जांच कमेटी बनी भी लेकिन ठप होकर रह गई। आजतक मामले की जांच आगे नहीं बढ़ सकीं।
RTI पर डाली कुंडली
स्टार्म वॉटर प्रोजेक्ट की सच्चाई सामने लाने को लेकर RTI में सूचना मांगी गई लेकिन नगर परिषद के अधिकारी आरटीआई पर कुंडली मारे हुए है। नगर परिषद के अधिकारियों ने आरटीआई आवेदन को ही खुर्दबुर्द कर दिया। आरटीआई की प्रथम अपील को लेकर चार बार तारीख दी जा चुकी लेकिन सूचना नहीं दी। DMC सिरसा से शिकायत करने पर भी स्टार्म वॉटर प्रोजेक्ट की सूचना नहीं दी। हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि करोड़ों रुपये के इस घपले को दबाया जा सकें।
क्या गोकुल सेतिया लेंगे संज्ञान?
स्टार्म वॉटर प्रोजेक्ट के घपले पर क्या सिरसा के MLA गोकुल सेतिया संज्ञान लेंगे? यह यक्ष प्रश्र बना हुआ है। सिरसावासियों को उनसे बड़ी उम्मीद है कि वे भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करेंगे। सिरसावासियों की सबसे बड़ी समस्या का समाधान करेंगे। जिन लोगों के हाथ भ्रष्टाचार में रंगे हुए है, उनके चेहरों से नकाब उतारेंगे?