home page

रसायनों का संतुलित प्रयोग कृषि में स्थिरता के लिए जरूरी: प्रो. बीआर काम्बोज

हकृवि के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में रसायन पखवाड़ा हुआ संपन्न
 | 
HAU hisar


 

adhikarinews,sirsa: वर्तमान समय में कृषि में उपयोग किए जा रहे फफूंदनाशकों और कीटनाशकों के प्रति कीटों और खरपतवारों में प्रतिरोधकता का विकास कृषि उत्पादों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बना हुआ  है। इस स्थिति से निपटने के लिए नई जैव रासायनिक क्रिया को प्रदर्शित करने वाले नए उत्पादों के विकास की अत्यधिक आवश्यकता है।

यह विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने व्यक्त किए। वे आज नोबल पुरस्कार विजेता फ्रांसीसी महिला वैज्ञानिक मैरी क्यूरी की याद में विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग व कैंपस स्कूल के सयुक्ंत तत्वावधान द्वारा आयोजित रसायन पखवाड़ा के अंतिम दिन ‘किसानों के लिए रसायन विज्ञान’ कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
 

कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा कि लगभग आधी सदी से जैविक रसायन का उपयोग कृषि में खाद्य उत्पादन को बढ़ाने और फसल सुरक्षा के लिए हो रहा है। उन्होंने कहा रसायनों का संतुलित प्रयोग कृषि में स्थिरता के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कृषि में कई ज्वलंत मुद्दे हैं जिनका समाधान रसायन विज्ञान में नवाचार करके किया जा सकता है।  

इन मुद्दों में से एक कृषि में विषाक्त धातु संदूषण है। आर्सेनिक, कैडमियम, सीसा और पारा जैसी धातुओं के उच्च स्तर के संपर्क में आने से मनुष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं जबकि दूसरी ओर लोहा, बोरान और तांबा पौधों के विकास के लिए आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व हैं। इसलिए ऐसी धातुओं का पता लगाने के लिए उन्नत विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान तकनीकों का उपयोग करके समय-समय पर किसानों के खेतों से ऐसी जानकारी एकत्र करने की आवश्यकता है।
 

कुलपति ने रसायन वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि उनके अनुसंधान किसानों के कल्याण के लिए केन्द्रित होने चाहिए जैसे कम साइटोटॉक्सिसिटी वाले नए रोगाणुरोधी और नेमाटीसाइडल का विकास, कृषि रसायन व्यवहार और खतरों की पहचान, कृषि अपशिष्ट के उपयोग के लिए प्रक्रियाओं का विकास, हरित रसायन अनुसंधान और नैनोकण विकास आदि।

उन्होंने कहा यह प्रशंसा की बात है कि हकृवि के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा इन विषयों को अपने अनुसंधान कार्यक्रमों में प्राथमिकता दी गई है। हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के सदस्य प्रो. ओम प्रकाश अरोड़ा ने मुख्य संभाषण में इस कार्यक्रम के विषय को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हरित क्रांति से पहले भारत को अमेरिका से अनाज आयात करना पड़ता था लेकिन कृषि वैज्ञानिकों के योगदान से अब हम दूसरे देशों को भी अनाज का निर्यात कर रहे हैं।

उस समय पैदावार बढ़ाने के लिए रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग किया जाता था जोकि समय की जरूरत थी। लेकिन अब हम जैविक व प्राकृतिक खेती को अपनाकर गुणवत्ता से परिपूर्ण अनाज की पैदावार की तरफ भी ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा रसायन विज्ञान का फसलों की उपज बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। उन्होंने बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यहवारिक ज्ञान अर्जित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने हमारे देश के महापुरूषों पर भी प्रकाश डाला।


 

इससे पूर्व मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. नीरज कुमार ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के कैंपस स्कूल के सहयोग से आयोजित किए गए रसायन विज्ञान पखवाड़ा के दौरान भाषण प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी और वर्किंग मॉडल प्रदर्शनी जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए जिनमें स्कूलों और कॉलेज के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम को रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. रजनीकांत शर्मा ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम के अंत में कैंपस स्कूल की निदेशक श्रीमती संतोष कुमारी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। मंच का संचालन पीएचडी छात्रा सुचेता छाबड़ा ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, विद्यार्थी व कर्मचारी मौजूद रहे।
 

ये रहे उपरोक्त प्रतियोगिताओं के परिणाम:
उपरोक्त कार्यक्रम के तहत आयोजित की गई प्रतियोगिताओं के परिणाम इस प्रकार रहे: भाषण प्रतियोगिता : प्रथम पुरस्कार रिद्धी ने प्राप्त किया, जबकि द्वितीय पुरस्कार रितु और तृतीय पुरस्कार हिमांशी ने जीता। एप्रिसीएशन पुरस्कार प्रिया व अलांशा को मिला। इंटर कॉलेज प्रश्नोतरी प्रतियोगिता में गवर्नमेंट पी.जी. कॉलेज, हिसार की रेणुका भारद्वाज, मुस्कान व पंकज प्रथम जबकि इंदिरा चक्रवर्ती सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की गुंजन, रेणु व प्रतिभा को द्वितीय पुरस्कार मिला।

वहीं हकृवि के कृषि महाविद्यालय से नमन, अर्पित कंबोज व प्रिया यादव तीसरे स्थान पर रहे। इंटर कॉलेज वर्किंग मॉडल प्रदर्शनी में कृषि महाविद्यालय के अंकित गावड़ी व कल्पना यादव प्रथम, ओडीएम महिला कॉलेज, मुकलान की मुस्कान व दीप्ति द्वितीय तथा मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय की खुशबु व पुजा देवी तृतीय स्थान पर रहीं।

अंतर विद्यालय प्रश्नोतरी प्रतियोगिता में सेंट एंथोनी स्कूल के लक्ष्य, देव मलिक व दिव्यांशी प्रथम, सिद्धार्थ इंटरनेश्नल स्कूल के रचित मेहरा, राघव व कनिष्का द्वितीय तथा दी आर्यन स्कूल के प्रणव, अर्नव गांधी व सात्विकी रेहपड़े तृतीय स्थान पर रहे।  इंटर स्कूल वर्किंग मॉडल प्रदर्शनी में: ओपी जिंदल मॉर्डन स्कूल के नमन व गुन्मय को ‘प्रकृति से भविष्य तक’ विषय पर प्रथम पुरस्कार मिला।

वहीं दी आर्यन स्कूल के आदित्य व दीपिका को ‘वेस्ट मैनेजमेंट’ विषय पर द्वितीय जबकि डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल, हिसार की इशिका व अनु को ‘प्रकृति से भविष्य तक’ विषय पर तृतीय पुरस्कार मिला। इसी प्रकार दी श्रीराम युनिवर्सल स्कूल की समृद्धि व अनिंदया, सेंट मैरी स्कूल, हिसार की मनु सुनन्दन व नंदिता तथा दिल्ली पब्लिक स्कूल, हिसार के अभय व शिवम को एप्रिसीएशन पुरस्कार मिला।

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Group Join Now