गबन मामले में EO ने एफआइआर के लिए SP को लिखा पत्र

Inderjeet Adhikari, Sirsa: सिरसा नगर परिषद में वर्ष 2012 से लेकर वर्ष 2017 की अवधि में सर्विस टैक्स के 85 लाख रुपये के सर्विस टैक्स के गबन मामले में लगभग 12 साल बाद एक बाहरी व्यक्ति को आरोपी बनाते हुए उसके खिलाफ पुलिस में एफआइआर दर्ज करने को पत्र लिखा गया है।

नगर परिषद के EO की ओर से पुलिस अधीक्षक के नाम 14 नवंबर 2024 को पत्र लिखा गया है। अचरज की बात यह है कि डीएमसी की रिपोर्ट में 85 लाख के सर्विस टैक्स गबन मामले में ईओ अत्तर सिंह खनगवाल सहित आधा दर्जन ईओ व अन्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की हुई है।

EO सिरसा की ओर से पुलिस अधीक्षक को लिखे गए पत्र में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक के पत्र का हवाला देते हुए एफआइआर दर्ज करने के कहा गया है। सर्विस टैक्स का गबन करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर CM Windows पर दो शिकायतें वर्ष 2021 व 2022 से पेडिंग है।

मामले में दो जांच कमेटियों द्वारा अपनी रिपोर्ट दाखिल की हुई है। एक जांच तत्कालीन एसडीएम जयवीर यादव और दूसरी डीएमसी सिरसा की अगुवाई में की गई। एक जांच कमेटी ने 73 लाख और दूसरी जांच कमेटी ने अतिरिक्त 12 लाख रुपये का गबन पाया।

मामले में करीब 75 लाख रुपये से अधिक की गबन राशि सरकारी खजाने में जमा भी हो चुकी बताई जाती है। इससे भी बढ़े अचरज की बात यह है कि गबन राशि जमा करवाने को लेकर न तो अधिकारी हां भर रहे है और न ही बाहरी व्यक्ति राजेंद्र मिढ़ा यह स्वीकार कर रहे है कि उसने यह रकम अदा की है।

अब मामला पुलिस के माध्यम से कोर्ट पहुंचेगा, तब पूरे मामले में संलिप्त ईंओ, लेखा अधिकारी, रेजिडेंट ऑडिट ऑफिसर, अकाऊटेंट व क्लर्कों की कारगुजारी खुलकर सामने आ पाएगी।

ये था मामला

सिरसा नगर परिषद द्वारा अपनी दुकानों से जो किराया वसूला जाता है, उसकी एवज में सर्विस टैक्स की अदायगी करनी होती है। वर्ष 2012 से 2017 की अवधि में विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की कथित मिलीभगत से सर्विस टैक्स अदा करने के लिए बैंक से नगद निकासी की गई। लेकिन बैंक में पूरी राशि जमा नहीं करवाई गई बल्कि पूरी राशि जमा करवाने का फर्जी चालान प्रस्तुत किया गया।

GST विजिलेंस ने 2018 में यह घोटाला पकड़ा लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। बल्कि एसडीएम की अगुवाई में जांच कमेटी बैठाई गई, जिसने 2021 तक जांच पर कुंडली मारे रखीं। वर्ष 2021 में जांच रिपोर्ट आने पर भी किसी एक कर्मचारी-अधिकारी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। आज तक गबन के आरोपी खुले घूम रहे है।

आरटीआई ने खोली पोल

सर्विस टैक्स के गबन मामले में RTI ने बड़ा काम किया। दरअसल, जीएसटी विजिलेंस द्वारा गबन की राशि 63 लाख रुपये आंकी गई। जांच अवधि बढऩे पर गबन राशि 73 लाख रुपये पर अटक गई। एसडीएम द्वारा गठित जांच कमेटी ने 73 लाख रुपये के गबन को लेकर ही जांच की।

इसी दौरान आरटीआई एक्टिविस्ट इंद्रजीत अधिकारी ने नगर परिषद से 12 लाख रुपये के अतिरिक्त गबन की सूचना मांगी। दस्तावेज सामने आने पर सीएम विंडो पर 2021 में शिकायत की। मामले की जांच DMC सिरसा को सौंपी गई। फिर से जांच कमेटी गठित की गई। जांच कमेटी ने 12 लाख रुपये अतिरिक्त गबन पाया। इस प्रकार गबन की राशि बढ़कर 85 लाख रुपये पहुंच गई।

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