Adhikari News, Sirsa:हरियाणा निपुण मिशन के तहत डा. मुकेश कुमार जिला विज्ञान विशेषज्ञ द्वारा राजकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय फतेहपुरिया नियामत खां एवं राजकीय प्राथमिक विद्यालय फतेहपुरिया नियामत खां का निरीक्षण किया गया।
डा. मुकेश कुमार ने दोनों स्कूलों में जांचा कि शिक्षक संदर्शिका के आधार पर नवाचार और गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान में दक्ष बनाने पर जोर दिया जा रहा है या नही।
बता दें शिक्षा विभाग ने एफएलएन (FLN) के तहत प्री स्कूलिंग को बेहतर बनाने के लिए कवायद शुरू कर दी है। पहली से तीसरी कक्षा को एफएलएन के तहत जोड़ा गया है और बहुत जल्द चौथी से पांचवीं कक्षाओं को भी एफएलएन के तहत जोड़ा जाएगा।
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एफएलएन कार्यक्रम में बच्चों में प्रवाह और सटीकता के साथ 45-60 शब्द प्रति मिनट पढ़ पाने की क्षमता विकसित की जा रही है। राजकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय फतेहपुरिया नियामत खां में डा. मुकेश कुमार सुबह प्रार्थना के समय पहुंचें और देखा कि प्रार्थना के तुरंत बाद अध्यापकों द्वारा बच्चों से वर्ण, शब्द और वाक्य पठन को लेकर बातचीत हो रही थी।
स्कूल में अध्यापक संदीप कुमार, कालू राम और कृष्ण कुमार उपस्थित थे। डॉ. मुकेश कुमार के द्वारा पहली और दूसरी कक्षा का निरीक्षण किया गया। पहली कक्षा में 14 छात्राएं उपस्थित थी। पहली कक्षा में राधिका, वंदना, हसीना, रिशिका और प्रीती से वर्णों की पहचान के बारे में पूछा गया। सभी ने सही जवाब दिया।
अध्यापक संदीप कुमार ने बताया कि पहली कक्षा के विद्यार्थी शब्द पठन भी अच्छी तरह से कर लेते हैं। अध्यापक संदीप के द्वारा शिक्षक संदर्शिका से पाठ योजना का चरणबद्द तरीके से पालन किया जा रहा है। वहीं दूसरी कक्षा में 13 छात्राएं उपस्थित थी। हिंदी में 17वें सप्ताह का कार्य चल रहा था।
डा. मुकेश कुमार के द्वारा जीविका, याशिका, प्रिया, प्रतिभा और दीपिका से वाक्य पठन करवाकर देखा गया और सभी ने वाक्यों का सही तरीके से पठन किया। वहीं दूसरी ओर राजकीय प्राथमिक विद्यालय फतेहपुरिया नियामत खां में डा. मुकेश कुमार के द्वारा पहली कक्षा में शिवा, गौरव, नानक सिंह, प्रिंस और यश से चित्रों को दिखाकर उनके बारे में पूछा गया और कक्षा तीसरी में मनीत, भविष्य, आशीष, गुलाब और चरणजीत से शब्दों का पठन करवाकर देखा गया।
यहं बच्चों की मिली जुली प्रतिक्रिया रही। जब सम्बन्धित शिक्षक से इनके बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ये बच्चे पहले तो कुछ भी नहीं पढ़ पाते थे, लेकिन अब धीरे-धीरे ये शब्दों को पहचान भी रहे हैं और पढ़ भी रहे हैं।