Adhikari News, Dabawali: डबवाली के पुलिस अधीक्षक डबवाली सिद्धांत जैन ने बताया कि थाना शहर पुलिस ने प्लान बनाकर एक्सीडेंट करके हत्या करने के मामले में आरोपी विजय मोहन पुत्र हजारी राम निवासी शेरगढ़ को काबू करने में सफलता हासिल की है।
इस सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक सिद्धान्त जैन ने बताया कि 29 नवंबर 2024 को सुशील कुमार पुत्र दौलत राम निवासी शेरगढ़ के ब्यान पर कि 28 नवंबर 2024 को उसका लड़का प्रमोद कुमार समय करीब 3बजे अपने मोटरसाइकिल पर किसी अपने निजी काम से मंडी डबवाली से वापस अपने घर गांव शेरगढ़ जा रहा था।
जब वह जैन मंदिर से थोड़ा आगे शेरगढ़ की तरफ पहुंचा तो पीछे डबवाली की तरफ से एक कैंटर ने उसके लडके प्रमोद कुमार के मोटर साइकिल मे सीधी टक्कर मारी। जिससे उसका लड़का मोटरसाइकिल सहित सड़क पर गिर गया और काफी चोट लगने पर मौत हो गई।
मामले में पुलिस ने 29 नवंबर 2024 को धारा 281/125, /106 BNS के तहत दर्ज किया गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जांच के दौरान घटना मे प्रयोग शुदा कैटर को राज कनाल नहर की पटरी से जले हुए व लावारिश हालात में मौका से उठाकर कब्जा पुलिस में लिया गया।
केन्टर के मालिक से सम्बन्धित गवाहान की पूछताछ व प्राप्त रिकॉर्ड से केन्टर का असल मालिक आरोपी विजय मोहन पुत्र हजारी लाल वासी शेरगढ़ के नाम पाया गया। जांच के दौरान 28 नवंबर 2024 को केन्टर को विजय मोहन द्वारा ही चलाना पाया गया।
मुदई मुकदमा सुशील कुमार पुत्र दौलत राम निवासी गांव शेरगढ़ की आऱोपी विजय मोहन पुत्र हजारी लाल निवासी शेरगढ़ के साथ पुरानी रंजिश होनी पाई गई है। क्योकि विजय मोहन वगैरह के खिलाफ मुकदमा भा.द.स थाना शहर डबवाली दर्ज है। जिसमें विजय मोहन बगैरा अदालत से सजा भी हो चुके है और हाई कोर्ट चंडीगढ़ मे अपील भी चल रही है।
जो जांच के दौरान पूर्व मे प्राप्त साक्ष्य से विजय मोहन पुत्र हजारी लाल वासी शेरगढ़ ने अपने कैन्टर को पुरानी रंजिश के रहते हुए अपने केन्टर से प्रमोद कुमार को जान से मारने की नियत से तेज रफ्तार से चलाकर मृतक प्रमोद कुमार के मोटर साइकिल मे पीछे से सीधी टक्कर मारकर हत्या करना पाया गया है।
अभियोग मे धारा 103(1) BNS का अपराध घटित होना पाया जाने पर अभियोग में 103(1) BNS ईजाद की गई है तथा 106 BNS का घटित होना न पाया जाने पर मुकदमा 106 BNS तर्क की गई है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी विजय मोहन ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि वह मृतक के घर व खेत का पड़ोसी है । जिस दिन उसे व उसके साथियों को मृतक प्रमोद की गवाही से धारा 307 IPC में सजा हुई थी, तो उसने उसी दिन मन में ठान ली थी की वह प्रमोद को किसी भी तरह मारकर ही रहेगा।