Adhikari News, Sirsa: सिरसा में ट्यूबवैल कनैक्शनों में पब्लिक हेल्थ विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों द्वारा नकली केबल लगाने के मामले में फिनोलैक्स कंपनी के एजेंसी संचालक जतिन मिचनाबादी ने वीरवार को मीडिया से बातचीत में गंभीर आरोप लगाए। उनके साथ नीटू कुमार भी मौजूद रहें।
उन्होंने कहा कि इस मामले में तत्कालीन गृहमंत्री Anil Vij के संज्ञान लेने पर कुछेक अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जबकि असली दोषी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं और पुलिस व प्रशासन मामले को दबाने में जुटा हुआ है।
जतिन मिचनाबादी ने बताया कि मंत्री विज के आदेशों पर ही 31 दिसंबर 2021 को FIR दर्ज हुई थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद मई 2022 में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया था, जिसमें एएसआई को SIT का सदस्य बनाया गया। मिचनाबादी ने आरोप लगाया कि पुलिस की SIT कार्रवाई केवल औपचारिकता तक सीमित रही और इसमें किसी ठेकेदार या अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई।
उसने बताया कि नवंबर 2022 में सिरसा के चार पब्लिक हेल्थ विभाग के अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें मोहन लाल, सीताराम, कालूराम और रंजीत सिंह मलिक शामिल थे। इसके बाद केवल एक दुकानदार को गिरफ्तार किया गया, जबकि बाकी आरोपी जो मुख्य रूप से ठेकेदार और अधिकारी थे, आज भी फरार हैं।
उन्होंने बताया कि कुछ ठेकेदारों ने कोर्ट से एंटीस्पेटरी बेल ली थी, लेकिन हाई कोर्ट से बेल डिस्मिस होने के बाद भी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। जतिन मिचनाबादी ने यह भी आरोप लगाया कि एसआईटी द्वारा इस मामले में मनमर्जी से कार्रवाई की गई।
विभाग ने आरोपी अधिकारी को दिया प्रमोशन
जतिन मिचनाबादी ने बताया कि पुलिस ने पब्लिक हेल्थ के जिन अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया, उनमें से एक मोहललाल को जमानत मिलने के बाद पब्लिक हेल्थ विभाग ने कार्रवाई करने की बजाय प्रमोशन देकर SDO बना दिया। यही नहीं, एक अन्य आरोपी जो कि मेकेनिकल विभाग का एसडीओ था, उसे भी कार्रवाई से बचाया गया, जबकि उसके खिलाफ चार जांचें चल रही थीं और वह भी आरोपी था। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों को बचाने के लिए मामले को जानबूझकर दबाया जा रहा है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।