Adhikari News, Hisar: हरियाणा के CM नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार का संकल्प है कि वर्ष 2030 तक राज्य का हर युवा हुनरमंद हो और वित्तीय रूप से समृद्ध बने। इसके लिए सरकार द्वारा शिक्षा के साथ-साथ युवाओं के कौशल विकास पर भी बल दिया जा रहा है। वर्तमान राज्य सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में 2 लाख युवाओं को योग्यता के आधार पर बिना पर्ची-खर्ची के सरकारी नौकरियां देने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री आज जिला हिसार में जाट शिक्षण संस्था के 100 वर्ष पूरा होने व चौधरी छाजू राम जी की 159वीं जयंती के उपलक्ष्य में छाजू राम मेमोरियल जाट महाविद्यालय में आयोजित समारोह में उपस्थितजन को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने छाजू राम मेमोरियल जाट महाविद्यालय में योगा एवं इनडोर एक्टिविटी मल्टीपर्पज हॉल का उद्घाटन भी किया। मुख्यमंत्री ने अपने ऐच्छिक कोष से जाट शिक्षण संस्था को 31 लाख रुपये का अनुदान देने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि दानवीर सेठ छाजू राम ने देश में शिक्षा की लौ जलाकर कर लोगों को अंधेरे से उजाले की ओर ले जाने का काम किया। उन्होंने शिक्षा के प्रचार-प्रसार विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्ट्र के विकास में उनके द्वारा दिया गया योगदान हमेशा रहेगा अविस्मरणीय रहेगा।
श्री सैनी ने कहा कि आज हम जो विकसित हरियाणा देख रहे हैं, उसे बनाने में ऐसी संस्थाओं ने महान योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि जाट शिक्षण संस्थाओं जैसी सभी संस्थाओं ने प्रदेश तथा देश के विकास में अहम योगदान दिया है।
सेठ छाजूराम शिक्षा के महत्व को भली भांति जानते थे। इसीलिए उन्होंने शिक्षा पर बल देते हुए अनेक शिक्षण संस्थान स्थापित किये, इन शिक्षण संस्थाओं ने देश को अनेक आईएएस अधिकारी, न्यायाधीश, खिलाड़ी, वैज्ञानिक तथा राजनेता दिए हैं, जिन्होंने भारत का नाम विश्व पटल पर गौरवान्वित करने का काम किया है।
पिछले 10 वर्षों में शिक्षा के प्रचार और प्रसार के लिए उठाए अनेक कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेठ छाजूराम जी के आदर्शों पर चलते हुए हरियाणा सरकार ने पिछले 10 वर्षों में शिक्षा के प्रचार और प्रसार के लिए अनेक कदम उठाए हैं। सरकार ने प्रदेश में हर 20 किलोमीटर की दूरी पर कॉलेज खोले हैं। पिछले 10 वर्षों में प्रदेश में कुल 77 नये राजकीय कॉलेज खोले गए, जिनमें से 32 लड़कियों के हैं। प्रदेश में महाविद्यालयों की संख्या बढ़कर 182 हो गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर बच्चे को प्राथमिक शिक्षा मिले, माध्यमिक शिक्षा के विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा और उच्चतर शिक्षा के विद्यार्थियों को विशेषज्ञता से युक्त शिक्षा मिले। इसी दिशा में प्रदेश में उच्चतर शिक्षा परिषद् की स्थापना की गई।
उन्होंने कहा कि बारहवीं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले गरीब परिवार के होनहार विद्यार्थियों के लिए मेधावी छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है। इसके तहत विद्यार्थी को 1 लाख 11 हजार रुपये पुरस्कार के रूप में दिये जा रहे हैं।