पत्थर के चूरे को शिल्पकला से दिया भगवान श्रीकृष्ण का स्वरुप

Adhikari News, Chandigarh:अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में राजस्थान के अजमेर जिले से शिल्पकार सुधीर और वर्षा ने पत्थर के चूरे को शिल्पकला से भगवान श्रीकृष्ण, गौतम बुद्ध सहित अन्य महान लोगों का स्वरुप दिया गया है। इस शिल्पकला से प्रभावित होकर राजस्थान सरकार ने उन्हें स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया।

इन दोनों शिल्पकारों ने समय की मांग के अनुसार पत्थर के चूरे से मूर्तियों के साथ-साथ अब पेंटिंग बनाने का भी कार्य शुरु किया है। उल्लेखनीय है कि इस मुकाम तक पहुंचने में प्रधानमंत्री रोजगार योजना ने अहम भूमिका अदा की है। इस योजना से शिल्पकारों को आर्थिक सहायता मिल पाई और इस आर्थिक सहायता के बल पर ही अपनी मंजिल तक पहुंच पाए है।

            उन्होंने बताया कि उनका अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव से पिछले 16 सालों से नाता रहा है, यहां की आबोहवा और व्यवस्था उन्हें बेहद पसंद है। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पर्यटकों के लिए कुछ ना कुछ नई शिल्पकला के साथ पहुंचते है। इस वर्ष 5 डी पेंटिंग तैयार करके लाए है। इस पेंटिंग को देखने से ऐसा महसूस होता है कि जैसे कोई भी दृश्य एक दम उनके सामने खड़ा हो। इस पेंटिंग को पर्यटक काफी पसंद कर रहे है और इस पेंटिंग की कीमत महज 300 रुपए से 1800 रुपए तय की है।

            उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार योजना का सहयोग नहीं मिलता तो शायद महोत्सव की दहलीज तक नहीं पहुंच पाते। इस योजना से 1.5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता मिली। इस राशि से समान खरीदा और पत्थर के चूरे से मूर्तियां तथा पेंटिंग तैयार की। इस शिल्पकला को खूब सराहा गया और सरकार की तरफ से स्टेट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।

अब चूरे से पेंटिंग बनाने का कार्य कर रहे है तथा कैनवस पर भी पेंटिंग तैयार की जा रही है। इसके अलावा 5डी पेंटिंग भी आज के समय की मांग को पूरा करने का काम कर रही है।

इस पेंटिंग में स्पार्कल वर्क को भी काफी पसंद किया जा रहा है। अब राजस्थान में उनके साथ 15 महिलाएं जुड़ी है जो पेंटिंग तैयार करने में मदद करती है। इन पेंटिंग की कीमत 300 रुपए से लेकर 1800 रुपए तक रखी गई है।

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